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Showing posts from 2021

कुछ रात जब नींद नहीं आती

खुली आँखोंसे देखता हूँ सपने  कुछ बीती बातें, कुछ पल अपने  कुछ मुस्कुराहटें खिलखिलाती हुईं  कुछ नज़रें झुकती, शर्माती हुईं  कहीं गर्म साँसें, ठंडी आहें कहीं रेशमी ज़ुल्फ़ोंको सेहलाती बाहें कहीं  ख़यालोंसे मेरे वो अक्सर नहीं जाती  कुछ रात जब नींद नहीं आती  भर चुके वो ज़ख्म रिसने लगते  टीस उठती, दिल दुखने लगते  फिर चलतीं छूरियाँ, कत्लेआम होता  फिर तमाशा मेरा, तेरे नाम होता  कुछ दर्द पुराने, याद आने लगते  कुछ भूले फ़साने, दोहराने लगते  यादें तेरी मुझको ऐसे हैं तड़पाती कुछ रात जब नींद नहीं आती  घडी जो मेरे जन्मदिन की भेंट थी  वक़्त दिखाना छोड़ दिया है उसने  तेरे मेरे साथका गवाह था इक दोस्त  मिलना मिलाना छोड़ दिया है उसने  मंदिर, बागीचे, कई मोड़ और रास्ते  अज़नबी हो गए हैं सब मेरे वास्ते  ऐसे सभी घाटोंकी गिनती हो जाती  कुछ रात जब नींद नहीं आती  गीत जो कंठस्थ कर लिए थे तुमने  मुक्तक जो जुबानी तुम्हें याद थे  दुपट्टे से रगड़कर मिटाई थी जब स्याही  मैले हाथोंमें तुम्हारे दूधिया हाथ...

Cricket

Game of a billion, joyous heart and soul  Need but a few friends, a bat and a ball  Born in the cold, bitter foreign isle Thrived on Indian soil, warm and fertile Famed are the heroes, glorious it's lore Poet names a few but loves many more God's straight drive, comes to mind at first Second is defiant, Dada's flying shirt Jumbo's ten on ten and Yuvi's six on six Viru's triple tons or Bhajji's magic tricks Nothing speaks more of Cricket India's gall Walliantly unfazed, the great Indian "Wall"

एक, दो, तीन, चार

एक, दो, तीन, चार, दिनकी है आज धीमी रफ़्तार  एक, दो, तीन, चार, छोटे से मिलनका लम्बा इंतज़ार  कहाँ है मंज़िल, मीलों के निशाँ  सफर में हूँ मैं, ना कोई है यहाँ  तेरी ही ओर ले जा रहा मुझे  हूँ कितना बेक़रार, क्या पता तुझे 

I am a champion

Wake up and see the mirror  Stare straight into your eyes  Shakeoff sleep, throw some water Convince yourself of these lies  That you are great, better than best No one can accomplish, what you can Believe the words, let it seep in Shout with all might "I'm a champion" Road was bumpy, you fell down You're pushed aside, thrown to the ground  They thought you'd give up, run n hide Didn't expect to see you for another round  And that's when you won, before the fight  All the darkness couldn't, douse your light  With Grit, determination, faith and passion  Trust yourself and say "I'm a champion"

आग पानी में

छाँव है धुप है रात छाई भी है  बात अब तक छुपी वो बताई भी है  कैसे शोलों से दामन बचालोगे तुम  आग पानी में ऐसे लगाई भी है  एक इशारा है उनको बुलावा है ये  गीत मेरा है सबको छलावा है ये  शेर सजदे में उनके पढ़े हमने जब  सबने माना वो मेरी खुदाई भी है दिल की हालत पे थोड़ा तरस खाइये  एक बेकस को इतना ना तड़पाइये  आज मेरी तपस्या का फल दीजिये  छोड़िये सारे परदे, करीब आइये 

Wo

नज़र लगने के डरसे मुंह अपना छुपाते रहे वो  दिल के अरमान बुझाते कभी जलाते रहे वो  कोई बैठा रहा रात सारी निगाहें छत पर लगाए हुए  परदे के पीछे ही शरारत से मुस्काते रहे वो  नज़र के तीर, अदाओं की बरछियाँ तो तेज थीं  गिराईं हुस्नकी मुझ पर वो बिजलियाँ तो तेज थीं  क़त्ल होने को तैयार ही बैठे हुए थे हम  क्या सितम की हमें हर दफै बचाते रहे वो 

क्यों नहीं करते

है जो चाहत कुछ पाने की, करो करतब, करो कोशिश  बहाते स्वेद न अपना रक्त, मेहनत क्यों नहीं करते  नारों और किनारों का सहारा कब तक देखोगे  है करना पार दरिया तो ज़ुर्रत क्यों नहीं करते  न गोली से लड़ो लेकिन बोली से तो टक्कर लो  तुम्हारा है अगर ये मुल्क, हिफाज़त क्यों नहीं करते  माना सोच उनकी क्रूर हैं ज़ालिम तो डरते हो  गिरेबाँ तक आ गए हाथ, हरकत क्यों नहीं करते  अकेले हो तो सब को साथ लाने का करो कुछ यत्न  हराना कल जो है दुश्मन, निज़ामत क्यों नहीं करते  खोखले अदू के इरादे, कागज़ी हैं हौसले  एक लौ दरकार, ज़ेहमत क्यों नहीं करते  करना चाहते टुकड़े देशको तोडना गर वो  क्रांति ज्योति प्रगटा एक भारत क्यों नहीं करते 

પડાવ નવો છે

ઘણા વખતે મળ્યાં છો, બદલાવ નવો છે  ઓળખાણ ભલે જૂની રહી, લગાવ નવો છે  ચાલ બેસ ફરી પાછળ મારી, ફરવા જઇયે  જુના ઠેકાણા એજ, રંગરોગાન સાવ નવો છે  મંદિરની પાછળના ગાર્ડનમાં હજી ફુવારા ચાલે છે  વડવાઇયોંની ઓથમાં પ્રેમીયોનાં ધબકારા ચાલે છે  બદલાઈ ગયા છે મેના, પોપટ, ચકલી ને કાબર  પ્રેમ નવો ઉગ્યો ત્યાં, એનો વ્યવહાર નવો છે  રુપાલી ની સામે ફૂટપાથ પર હવે બેસતાં નથી  કલાકો અકારણ મારી વાત પર હવે બેસતાં નથી  યાદોને જીવ્યા કરતા ફોટામાં કેદ કર્યાંની હોંશ છે વધુ  મિત્રો ને ખોટું પણ લાગે! આ ત્રાસ નવો છે  દસ રૂપિયાની પાણી પુરી, વીસના ખમણ  પાંચ રૂપિયાના કટોરામાં પેટ ભરી જમણ  પાંચસોની ડીશનો ય જો આનંદ લેનારા એકલા  ખાલીપણાનો લાગતો કડવો, સ્વાદ નવો છે  કોલેજમાં જ્યારે ધોધમાર વરસતો વરસાદ  પગપાળા સાથે ઘેર સુધી આવતો એ વરસાદ  કલાકો ઘૂંટણિયે પાણીમાં મસ્તીથી મિત્રો મ્હાલતા  છાંટા પડતા છુપાવું પડે એવો વરસાદ નવો છે  તને ગમતી એ મારા ટચમાં છે, મને ગમતી એ ખોવાઈ ગયી  આ તારી ભાભી, પેલી મારાવાળી, ગાંડી વાતો ભુલાઈ ગયી  કોઈ ગ...

One Day At A Time

Pain will be gone Sweat will dry You'll breath normal again Will give it another try Some soreness may come later Some fatigue may manifest All these symptoms may Be cured with little rest So, why should you worry As you already know The ache and the hurt are Means to prosper and grow They may say it's not working  Your efforts are a waste Mirror and scales may leave Nothing but bitter taste This is where you dig deep Make a final stand And hope to plow through rubble To get to the other end For there is no achievement No substantial gain That doesn't ask for commitment, Perseverance and pain Your goal may seem far Steep may be climb But each step takes you closure One Day At A Time

पहली सी मोहब्बत

मुझसे पहली सी मोहब्बत मेरे मेहबूब न मांग  तेरे दर्द से उभरा नहीं अब तक, मत सता  दिल तेरा हो चूका कब से, कुछ तरस खा  क्या अदा, क्या शोख़ी, क्या इठलाना तेरा    तुझसे मिलकर एक बार फिर सुकूँ हो जाये  कहाँ किस्मत की हम चाहें यूँ और यूँ हो जाये  है मुलाकात से भी बढ़कर ख़याल मिलनका  क्या हैरत की तुझे देखें और जुनूँ हो जाये

शाम को टहलते हुए

शाम को टहलते हुए किसी नीले कुर्ते वाली को देख  एक बरसों पुराना इतवार याद आ गया  और साथ याद आई नदीके किनारों की  पेड़ की छांवमें, पत्थरों पर बैठे बैठे  खायीं थी वो सैंडविच और पी थीं  तुम्हारे हाथों से बनी आखिरी चाय  आज रूमानी हो जाता हूँ सोचते ही  कैसे तुम्हारी गोदीमें सर रखकर रो दिया था  कई सालोंसे वो गोदी सपनों में नहीं आयी  आज ख्वाबों से बिनती करके देखूंगा  फिर ले चले घने बालों के साये में  आज फिर नींद में रोने का मन है 

क्या फ़ायदा

प्रेम वाले जो कुछ पल भी मिल ना सकें  ऐसे नाम और शोहरत का क्या फ़ायदा  हो कलियाँ मगर फूल खिल ना सकें  ऐसे बाग़ और मौसम का क्या फ़ायदा  होठों की सुर्खी, आँखों का काजल  गालों की लाली, ज़ुल्फ़ की ये घटा  देख आहें लेने वाला आशिक़ ना हो  ऐसे सजने, सँवरने का क्या फ़ायदा  चुटकुले सब पढ़ो और मुसुका भी दो  करो फॉरवर्ड, लोगों को पहुंचा भी दो  साथ ज़ोरों से हंसने वाले यारों के बिन  दुनियाभर की मज़ाकों का क्या फ़ायदा  फ़ॉलोअर्स हो हज़ारों, लाखों भले  लाइक्स और शेयर चाहे बंटोरा करो  तन्हाई का गर कोई साथी ना हो  यश और ख्याति का क्या फ़ायदा  मंदिरोंमें भोज, दान करवाओ तुम  वस्त्र, धन और रोटी बँटवाओ तुम  पिता, माता और कुलको गर त्याग दो  धर्मके इन दिखावों का क्या फ़ायदा  दिया तुमको हुनर, लिए औरोंके था  ना तराशो जो तुम, तुम्हारी बला  पर छुपाकर रखो गर बस अपने लिए  भाव कवितामें लिखने का क्या फ़ायदा 

રેતી પર લખાયા નામ

સમયની સાથે સઘળાં ખોવાઈ જવાના  રેતી પર લખાયા નામ, ભૂંસાઈ જવાના  સાગરમાં એક ટીપાં જેવી હસ્તી આપણી  બે ઘડી તરંગો, પછી સાવ ભુલાઈ જવાના  હો પ્રકાશ ભલે નાનો, અંધારાને ઘટાડશે  પ્રેમથી કહેલા બે શબ્દો, દિલના દર્દ મટાડશે  રોજ સાંજે નવી વાટ પ્રગટાવવી જ રહી   રાત ના દીવા છે, સવારે ઓલવાઈ જવાના  પ્રશ્ન ઘણા જીવનમાં, જેનાં કોઈ ઉત્તર નથી  આજના દિવસથી ઉત્તમ, બીજો અવસર નથી  ભય ને ત્યાગો, ધ્યેય નું સદા ધ્યાન કરો  છુપાયેલા સફળતાનાં માર્ગ દેખાઈ જવાના 

आशा

पिछले वर्ष एक पौधा लगाया सूंदर फूल आएंगे ये सोच  कुछ ईश्वर को भेंट होंगे,  कुछ पत्नी, बच्चों को  नियमित पानी, खाद डालकर सींचा  रोज़ रोज़ बढ़ते देखते उसे  बसन्तमें रंग बदलने लगे  कलियों का निकलना,  फूलों का खिलना, जैसे  सारी उम्मीदें पूरी हो रही हों  अचानक एक तूफ़ान मुड़ा  समंदर से ज़मीन की और  बोहत देर तक पौधा जूझा  डंडियों और रस्सियोंका सहारा दिया  लेकिन  जड़ों से मिटटी के हाथ छूट गए  माली से फिर मंगवाया  उसी नस्ल का नया पौधा  नयी आशाओं से फिर लगाया  फिर सींचूंगा, खाद दूंगा  अगली बसंत के इंतज़ार में  आशा ये भी की अब की  आनेवाले तूफ़ानोंमें  अपने अपनों के हाथ ना छोड़ें 

इश्क़ केहते है

नज़रों से जो मिले नज़र तो इश्क़ केहते हैं  सीधा दिल पर हो असर तो इश्क़ केहते हैं  नहीं हैं वस्ल की मोहताज इश्क़ की दीवानगी  बिन पीये लड़खड़ाए अगर तो इश्क़ केहते है नाम सुन वो मुस्कुराये अगर, तो इश्क़ केहते है शर्मसे निगाहें ना मिलाये अगर, तो इश्क़ केहते है ज़रूरी नहीं की हर बात का ऐलान ज़ोरोंसे हो  चुप रहकर सब केह जाये अगर, तो इश्क़ केहते है

नयी मंजिलें

नयी मंजिलें, नये किनारे नज़र आते हैं  ख्वाब जब हैसियत से बाहर हो जाते हैं  जब कोई रास्ता लौटने का ना छोड़ें  रुकावटें मीलका पत्थर बन जाते हैं  अजनबी तो मिलते रहेंगे सफरमें यूँही  दिल खुला हो तो वे भी दोस्त बन जाते हैं  और क्या सबूत दें हम वफ़ा का अपनी मज़मून कोई हो ज़िक्र उनका किये जाते हैं  'राज' ये मौका फिर कभी आनेका नहीं  मुस्कुराकर वो देखते हैं, और देखे जाते हैं 

दिलका पता

ये हवाएँ मुझे दे रही हैं बता  तेरे घर तक पहुंचने का रास्ता  सारे अवरोध हट जायेंगे राह से  दिल को मिलके रहेगा दिलका पता  बेकरारी को दिलकी मिलेगा सुकून  मन की गिरहों को आराम मिल जायेगा  मुस्कुराकर जो तुम सामने आ गयीं  जी तो मारे खुशीके ना जी पायेगा 

मोहब्बत

दिनकी उड़ानें ख़त्म कर  पंखों से लेहरें बनाते हुए  चहचहाते ज्यों लौटते हैं  थके परिंदे दरख्तों पर  वैसे ही हर सफर के अंतमें  तुम तक पहुंच जाता हूँ  मझधार से रास्ता खोज  तटों तक आती नावों सा  तुम्हारी रौशनीसे जगमगाते  ज़िन्दगी के किनारे पा जाता हूँ  एक नज़र बस काफी है दिल को सुकून देने के लिए  गोद में सिर रक्खे हुए  बालों के साये तले  आँख मूँद लेटे लेटे  खुदको भूल जाता हूँ और तुम एक गीत बन जाती हो  जो कभी लिखा नहीं  मगर रोज़ गाया है  मेरे दिलने तुम्हारे लिए  वो दिल भी तुम्हारे ही पास है  मोहब्बत का इसके अलावा  कोई अर्थ बता नहीं पाता हूँ 

उषा का प्रश्न

उषा का प्रश्न है यह  भोर तुमसे पूछती है जो देखे स्वप्न उनको  पूरा करना चाहते क्या? उठो अब भी समय की  थाम लो जो दिन बचा है  विजय तक लेके जाता  और कोई मार्ग है क्या? शिखर का ध्यान रक्खो और दृष्टि हर कदम पर  जो ना भटकेगा पथ से  ध्येय कभी चूकता क्या?

तुम्हें याद करते

तुम्हें याद करते ज़माने बीत गये  हारे हैं हर बार फिर भी जीत गये  तुझसे ही शुरू, तुझमें ही ख़त्म,  मेरी नज़्म, मेरी गज़लें, मेरे सारे गीत गये  हारे हैं हर बार फिर भी जीत गये  कहीं ज़िक्र हो तुम्हारा या नाम ले कोई  कोई बात छिड़े या मेरा दामन थाम ले कोई  कभी गुज़रें गलियोंसे जहाँ  उँगलियों ने छुआ था हाथों को  कभी गुलाब की पंखुड़ियों से  तस्वीरों का काम ले कोई  आ जायेंगे नज़रोँके आगे, लम्हे जो बीत गये  हारे हैं हर बार फिर भी जीत गये  क्या खत रक्खे हैं अब भी छुपाकरके मेरे  क्या याद है मिसरे अब भी ग़ज़लोंके मेरे  क्या हरा रंग अब भी तुमको उतना ही भाता है  क्या दिल धड़क जाता है अब भी नाम पर मेरे  इन्हीं सवालोंमें फुर्सतके सारे पल बीत गये  हारे हैं हर बार फिर भी जीत गये  कांपते होंठों की थरथराहट भूले नहीं  तेरे कदमों की आहट भूले नहीं  याद हैं बड़ी बड़ी आँखों की हया  चेहरे की मुस्कराहट भूले नहीं  खुशबु ज़ुल्फोंकी भूली नहीं,  मौसम कितने ना जाने बीत गये  हारे हैं हर बार फिर भी जीत गये मुलाक़...

ध्यान हो

माहौल बदल रहा है, ध्यान हो  देश कैसे चल रहा है, ध्यान हो  फेंक कर जा रहे, जिन्हें गोद लिए बैठे थे  गोत्र तक बता रहे, जो सेक्युलर बने बैठे थे  भेड के लिबासमें घूमते, भेड़ियेकी पेहचान हो माहौल बदल रहा है, ध्यान हो  दादा के नहीं दादी के धर्म से जुड़ रहे हैं  पारसी, ईसाई हो लिए, अब पंडित बन रहे हैं  रिवायत उनकी गद्दी रहे, देश चाहे कुर्बान हो  माहौल बदल रहा है, ध्यान हो  बादशाहों के बेटे बनकर हमको डरा रहे  यूँ बंटे हुए रेहने के अंजाम दिखा रहे  है ज़रूरी की अपने पराये का अब ज्ञान हो  माहौल बदल रहा है, ध्यान हो  मरी है व्याप्त और मृत्यु का नर्तन भयंकर  है रोग से दुष्कर मनुज के मन का ये डर  उपचार से बढ़कर भी पूर्वावधान हो  माहौल बदल रहा है, ध्यान हो  वयस्क तन हुआ है मन बड़ा चंचल अभी  यादें उमड़ती जब नाम भूले कोई ले कभी  हृदयकी उर्मियों पर विवेकका संधान हो  माहौल बदल रहा है, ध्यान हो  शब्द खुद ही जुड़े और वाक्य बनते गये  मुक्तक एक के बाद एक शक्य बनते गये  कविता की निधि का खूब ही सन्मा...

आजकल शाम ज़िन्दगीकी

आजकल शाम ज़िन्दगीकी बेवजह, गमगीन हो जातीं हैं  बीतें कल की यादें अक्सर, हमनशीन हो जातीं हैं  अब तक क्या जमा, क्या घाटा रहा, हिसाब बेमानी है  लुटा दी सब दौलत, हाथ ख़ाली, हालत संगीन हो जातीं हैं  एक ग़ज़ल चंद शेर जब लिख लेता हूँ सुकून से  बोझ उतर जाते हैं दिल से, आँखें ख़ुश्किन हो जतिन हैं 

विलीन

काश पाल लेते कुछ ऐब, कुछ आवारगी,  कुछ गुरुर औ बेग़ैरती  चंद दोस्त अपने भी जो होते, तो शेर यूँ तनहा तो ना होते  या सिर्फ किताबों से ही यारी रखते  बातें कविताओं से ही करते  तो ना उठती ये टीस यूँ अक्सर  शायद ये बिछड़नेके एहसास ना होते  क्या होता अगर ये ना होते  ना बीते होते साल गपोंमें  बर्दास्त कर लेते कुछ मज़ाक  या एक सुट्टा लगा लिए होते  खुद के लिए बना लेते एक मुकाम  या बटोर लेते नामो-शोहरत औ पैसे  देख कर उन्हें मिल जाते ख़ैरख़्वाह तो शायद कवितामें यूँ विलीन ना होते 

Month end

उलझे थे जो प्रश्न, सब सुलझ जायेंगे  खोये हुए रास्ते, पथिकों को मिल जायेंगे  जो ना हुआ पुरे महीने, आज ही होगा  अटके थे जो आर्डर, सब निकल जायेंगे  मिल जायेंगे क्लाइंट, चेक साइन होंगे  टार्गेट के गैप यकायक कवर हो जायेंगे  तीस दिन सोये, वो निन्द्रासन से जागेंगे  रेंगने वाले प्राणी, उलटे पैर भागेंगे  कमाल जितने हो सकेंगे, आज कर देंगे आखिरी है तारिख, आज काम भी कर जायेंगे 

Holi with her

Red was her color  So was green She wore blue sometimes  And all else in between  Suited her well All in the spectrum  Some enhanced her grace Beauty provided some  With colors in hand Went for her search With sole aim in mind Of gaining one touch Found her waiting  Lookin for me With a bucket full of water And a mischievous glee Drenched was my heart, Mind, body and soul Filled with great joy over Fleeting touches i stole Blushed were we both  And very much keen Red was her color  So was green 

मत केहना

तुम्हें देख मुस्कुराएँ तो मत केहना  नज़रें हट ना पाएँ तो मत केहना  ये रूप ये सजावट ये अदाएँ ये शोखियाँ  हम बेहक गर जाएँ तो मत केहना   इलज़ाम तुम पर लगेंगे दीवानगीके हमारी होश में ही ना आएँ तो मत केहना  ये कातिल हुस्न संवारा हो भले किसीके लिए  हम देखें और मर जाएँ तो मत केहना  उम्र लम्बी हो मोहब्बतकी, सिंगार के सबब की  दीदार हम किये जाएँ तो मत केहना  अजनबी हम मिलें, बैठ बातें करें, और तुम्हें  प्यार हमसे हो जाए, तो मत केहना  तस्वीरें यूँही लगाती रहो नए लिबास नए श्रृंगारकी  मजे हम लिए जाएँ तो मत केहना  बोहत सब्र किये रहते हैं जब पास कभी आती हो  गलती से छू जाएँ तो मत केहना  सादगी तुम्हारी और ज़माने भर की सजावटें  दिल हर बार लौट आए तो मत केहना  बात सिर्फ तुम्हारा नाम लिखने भर की थी  कलम उठे, ग़ज़ल हो जाए तो मत केहना आईने को देख खुद को निखारा करो बेशक  हम तुम्हें देखें जाएँ तो मत केहना 

तुम

जीवन के अँधियारेमे एक ज्योत सी तुम  धुप से झुलसे मन पर बारिश की बूँद  दूर खड़ा तुम्हारी छब निहारता रेहता हूँ  प्यार है या वासना, जान नहीं पाता हूँ  आकर्षण है हर तस्वीर में, खिंचा जाता हूँ  नहीं संभव तुमको पाना, ये पता है मुझे  फिर भी कल्पना करने से रोक नहीं पाता हूँ  की ऐसे ही खिड़की के पास, बाल खोले बैठी हो  अदरक वाली गर्म चाय तुम्हारे सामने और  मैं उन काले-लम्बे बालों को सेहलाता हूँ  आँखें बंद कर बैठो और देखने दो ये सपना  सर्दी की मखमली धुप सी मुझसे लिपटी तुम  निरीह ह्रदय में चाहतों का तूफ़ान उठाती तुम 

માંજરી આંખોંમાં મન મારું ખોવાઈ ગયું

માંજરી આંખોંમાં મન મારું ખોવાઈ ગયું  દિલ નો'તું દેવું તને તોય દેવાઈ ગયું  શબ્દ એક પ્રેમનો સુણ્યો તો અર્થ જાણ્યો નહિ  તારી નજરોએ કર્યો સંદેશ પહેચાણયો નહિ  પત્ર જો તારો મળ્યો તો સમજાયું મને  પ્રેમ ના તાંતણે દિલ આપણું બંધાઈ ગયું  રોજનો સાથ તારો-મારો રોજનો આ સફર  હાસ્ય હોઠોંપર રમતું આંખથી મળતીજો નજર  કોઈ બહાને મને બોલાવ્યો, વાત છેડી પછી  હું કોણ, નામ મારુ શું, ભુલાઈ ગયું  હાથમાં હાથ તારો આવ્યો, હું સળગી રહ્યો  પ્રેત એક પ્રેમનો મળ્યો, મને વળગી રહ્યો  રજાનાં દિવસે તને જોવા તારી ગલીમાં ગયો  સાન ને ભાન તને જોઈ ને વિસરાઈ ગયું  થયો નારાજ કોઈ વાતથી, દિલ દુઃખાયું હતું  હૃદયના દર્દથી નીકળ્યું, કાવ્ય લખાયું હતું  દુપટ્ટો તારો મારી બાહોંમાં વીંટાળાયો પછી  રિસામણાં નું દરેક કારણ ભુલાઈ ગયું  પ્રથમ આ પ્રેમનું ચુંબન, અધરોને મળ્યું  પ્રથમ આ કાવ્યનું લેખન, શબ્દોને ફળ્યું  છે વરસાદની મૌસમ અને એકાંત અહીં  હૃદય પર તું, નામ બસ તારું લખાઈ ગયું  ચોરી ચોરી થી મને મળવા ફરી આવી ગયી  મનમાં મેહક તારા નામન...

राज़ तुम्हारे

केह भी दो जो है दिल में तुम्हारे  कब तक दबेंगे ये ज़ज़्बात तुम्हारे  होंठ चुप हैं मगर नज़रें बोल देंगी  कब तक छुपाएँगी राज़ तुम्हारे  उँगलियों की कम्पन कैसे रोकोगी  मेरे छूते ही ज़ाहिर हो जाएँगी  कैसे रोकोगी मुड़ना आहट पर मेरी  जानते हैं हम सभी अंदाज़ तुम्हारे 

New Year 2021

है कौन कितने पानी में, सब बता दिया  कण को पर्वत, सागर को बून्द बना दिया  जो सोचा भी नहीं कभी, तूने दिखा दिया  गुज़रे साल शुक्रिया, हमें खुदसे मिला दिया  कुछ उम्मीदें हमने, फिर नए कुछ अरमान सजाये हैं  नव वर्ष के साथ परिवर्तनके नए अभियान चलाये हैं  पिछले साल की सीखों ने ये एहसास करा दिया  नया साल हम जीत ही लेंगे, जज़्बा जगा दिया