है कौन कितने पानी में, सब बता दिया
कण को पर्वत, सागर को बून्द बना दिया
जो सोचा भी नहीं कभी, तूने दिखा दिया
गुज़रे साल शुक्रिया, हमें खुदसे मिला दिया
कुछ उम्मीदें हमने, फिर नए कुछ अरमान सजाये हैं
नव वर्ष के साथ परिवर्तनके नए अभियान चलाये हैं
पिछले साल की सीखों ने ये एहसास करा दिया
नया साल हम जीत ही लेंगे, जज़्बा जगा दिया
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