नज़रों से जो मिले नज़र तो इश्क़ केहते हैं
सीधा दिल पर हो असर तो इश्क़ केहते हैं
नहीं हैं वस्ल की मोहताज इश्क़ की दीवानगी
बिन पीये लड़खड़ाए अगर तो इश्क़ केहते है
नाम सुन वो मुस्कुराये अगर, तो इश्क़ केहते है
शर्मसे निगाहें ना मिलाये अगर, तो इश्क़ केहते है
ज़रूरी नहीं की हर बात का ऐलान ज़ोरोंसे हो
चुप रहकर सब केह जाये अगर, तो इश्क़ केहते है
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