प्यार करलो जी भरके आज ही, कल बदल जाएँ हम-तुम हो सकता है ज़िन्दगी पकड़लो दोनों हाथोंसे, वक़्त इस पल में ठहर जाये हो सकता है जो बीत चूका वो ख़यालों में अब भी ज़िंदा है पहली मुलाक़ात और सफ़ेद जोड़ेमें सजी तुम बंद होते ही आँखें देख लेता हूँ, पलंग पर बैठे और गुलाब की खुशबु से महकती हुई तुम यादों से मेरी तुम चली जाओ कभी ना होगा मैं खुद ही को भूल जाऊँ हो सकता है दो थे हुए एक, जिंदगीके सफरमें हम तस्वीरोंको नए रंग मिले जब तुमसे मिले हम फुलवारीमें खिले नए फूल, तुम्हारी मुस्कान लिये मकान घर बन गए, जब तुमसे मिले हम बैठ फुर्सतमें टटोलें पुराने किस्से, और हम उन्हींमें लौट जाएँ हो सकता है बरसों की कश्मकशने बदल दिया है चेहरे को रंग रूप भी जिंदगीके साथ घट-बढ़ गए हैं जो लहराते थे खुल के हवाओं में, घटाओं से तुम्हारी साडीके नीचे जुड़े में बंध गए हैं सुबह सुबह उन भीने केशों को तुम खोलो और सावन आ जाये हो सकता है मैं और भी बदलूंगा आने वाले वक़्त में तुम भी शायद ऐसी नहीं रहोगी जिम्मेदारियां घेरेंगी और भी हमको बच्चोंकी फरम...
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