मिलते ही निगाहें उसके तेवर पहचानते हैं
समंदरके मुसाफिर हैं हम, भंवर जानते हैं
हमसे मिलो जब भी खुदको संभाले रखना
इश्क़ करते हैं औ निभानेका हुनर जानते हैं
एक मुस्कानने बता दी ग़मकी सारी कहानी
बोहत तजुर्बे हैं, टूटे दिलका असर जानते हैं
होली-दीवाली मिलने आ जाते हैं दोस्त सभी
याद बोहत आता है शायद मुझे घर जानते हैं
तूफ़ानोंका खौफ तो कबसे जाता रहा राज
भीगे पंख लिए उडनेका हम जोहर जानते हैं
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