फिर किसी बातपे दिल भर आया है अभी
जैसे भुलासा कोई दर्द उभर आया है अभी
फिर अधूरा छूट गया किस्सा जो पसंद था
ज़ेहनमे क्यों तेरा ख़याल उतर आया है अभी
फिर ज़रा सी बात पर बात बंद हो चली है
नये कपडोंमे नया फोटो नज़र आया है अभी
फिर एक अजनबी सफरमें मुस्कुराता मिला
जान पड़ताकी नया इस शहर आया है अभी
फिर खूबसूरत उदास ऑंखें इन्तेज़ारमे थीं
झूठे वादे पर किसने ऐतबार दिलाया है अभी
Comments
Post a Comment