होशमें रहूं तो मुझसे कोई बात ना कर ए यार
बुरा मान जाता हूँ गर समझ आ जाए तो
हुई शाम हाथोंमें जाम आ गया
सुब्हा से थे सफरमे, मकाम आ गया
ये दिल तेरे बिना कहीं लगता नहीं
लगता है, लग रहा है मगर, लगता नहीं
लड़खड़ा गए उसके शहरका पानी जो पी लिया
तौबा कोई शराबखाना ना दिखाना हमको
कुछ बुँदोंने अब तक ज़िंदा रखा है हमें
दरिया तो मेरी प्यास कबसे अधूरी छोड़ गया
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