बस करो यारों, थक चूका हूँ मैं सुन सुन के नसीहत, थक चूका हूँ मैं क्या क्या तीर मारे हैं जमानेमे तुमने मुझे मत बताओ, थक चूका हूँ मैं चैन से सोने भर की ख्वाहिश है कुछ ना कहने ना करने की ख्वाहिश है तुम अपनी शान के कसीदे खूब गाओ मेरे कानों को बक्शो, थक चूका हूँ मैं एक और बेवजह का ऐलान कर दिया सरकारने फिर से हमें हैरान कर दिया होगा कुछ नहीं, ना कुछ करने की दानत है दिखावे हैं, इन दिखावों से थक चूका हूँ मैं लाइलाज है बीमारी बता चुके हो मुझे फिर भी लम्बे चौड़े बिल थमा चुके हो मुझे कुछ नया तो कर नहीं पाते हो तुम ही पुराने फैलसफे मत झाड़ो, थक चूका हूँ मैं मेरी परवाह हो तो कोई ज़मीनी काम करलो लगाओ तिकड़म, वीआईपी सारे आम करलो तुम्हारी रैलियां और पार्टियाँ सबसे ज़रूरी हैं माना मेरे त्यौहारों को मत छीनो, थक चूका हूँ मैं भद्दा एक मज़ाक बन गयी है ज़िन्दगी राशन और सब्जी की कतार में कटते हुए रोज शाम नए फतवे निकाल कर इसे बिग बॉस मत बनाओ, थक चूका हूँ मैं