तेरे ग़म, तेरी खुशियां, सभी मुश्किलें बांटूंगा
पाँव दबा दूंगा लेकिन तेरे तलवे नहीं चाटूँगा
इश्क़, मोहब्बत, दीवानगी, कम नहीं फिर भी
बिछड़ जाने पर कभी कलाइयां नहीं काटूंगा
तू है ज़रूरी सब से मगर बस तू ज़िन्दगी नहीं
कभी कभी कुछ वक़्त मैं तन्हाईमें भी काटूंगा
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