सब गीत, किस्से, कहानियाँ, मेरी ही बदौलत हैं
तुम्हारी जितनी हैं परेशानियाँ मेरी ही बदौलत हैं
कई सैलाब, कई असबाब छुपाये बैठा हूँ खुदमे
कहीं वादियां, कहीं वीरानियाँ मेरी ही बदौलत हैं
गुलाबी गालोंकी लाली, नशीली आँखका काजल
ये हसीं जितनी भी हैं रानाइयाँ मेरी ही बदौलत हैं
कांपते होंठ, बिखरती ज़ुल्फ़, ये खोये हुए से नैन
मोहब्बतकी सभी निशानियाँ मेरी ही बदौलत हैं
छेड़-छाड़, अठखेलियां, फिर रूठना-मनाना कभी
करते हो जो तुम ये शैतानियाँ, मेरी ही बदौलत हैं
ये जो लिख लेते हो इश्क़ कभी गा लेते हो प्यार
इसे हुनर कहो या हैरानियाँ, मेरी ही बदौलत हैँ
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