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कभी ना थे.....

हालात इतने बदतर कभी ना थे 
दिलों पे पत्थर कभी ना थे 
माना की आप दोस्त नहीं हमारे
दुश्मन भी मगर कभी ना थे 

लाख छुपाएं वोह हाले दिल हमसे 
अनजान मन से हम कभी ना थे
ग़म का ही रिश्ता बचा था आखिर 
ख़ुशी के यार हम कभी ना थे 

कौन हौले से छू गया मन को 
नाज़ुक अंदाज़ उनके कभी ना थे
चीर ही देते हैं दिल बेरहमीसे 
बेवजह मेहरबान वोह कभी ना थे 

नज़रों की बातों पे भरोसा करते हैं 
शब्दों के जानकार तो कभी ना थे 
बिन कहे अफसानों को समझ लेते हैं 
लफ़्ज़ों के मोहताज कभी ना थे 

सामने तो अक्सर आते नहीं
गायब सरकार मगर कभी ना थे
याद ना करें शायद वोह हमें 
भुलने के हक़दार मगर कभी ना थे 

Comments

  1. Sir,
    This is the superb poem . Every word is match with current situation.
    Thanks to share with me
    Bhavesh ex employee of airtel

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  2. Wah wah wah wah. Kya baat hai. Too gud.

    ReplyDelete
  3. Very nice poem..sir
    Super hai...

    ReplyDelete
  4. Superb Bhai.
    Lockdown ne sayar bana diya.
    Warna banda tu bhi kam ka tha.
    Sorry realy nice poem.

    ReplyDelete
  5. Good Raj... Keep rocking..������

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  6. Heart touching poem, so deep thinking .Superb. Keep Rocking Rajendra.Regards Naeem

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  7. Nice one with deep meaning. Keep it up Raj.

    ये खुबी तो पता ही नही थी।।।।

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    Replies
    1. बोहत बोहत धन्यवाद्

      Delete
  8. Superb ...very well written. Keep it up

    ReplyDelete
  9. Superb ...very well written. Keep it up

    ReplyDelete
  10. Lockdown wale Kavi. Wah bhai. Likhte raho.

    ReplyDelete
  11. Great piece of writing. You should continue writing on regular basis. 👍✍

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    Replies
    1. Thank you very much. I will try and act on your advice

      Delete

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