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सफ़र...

हर सफ़र जो शुरू होता है, कभी ख़त्म भी होना है 
हर हँसते चेहरे को इक बार, गमें इश्क में रोना है 

मिलकर के बिछड़ना, फिर बिछड़कर है मिलना; 
ये प्यार की मुलाकातें, हैं इक सुहाना सपना 
हर रात के सपने को, सुबह होते ही खोना है; 
हर हँसते चेहरे को इक बार, गमें इश्क में रोना है 

है याद उसकी आती जिसे चाहते भुलाना; 
दिलके इस दर्द को है मुश्किल बड़ा छुपाना 
ऐ दिल तू है क्या, एक बेजान खिलौना है; 
हर हँसते चेहरे को इक बार, गमें इश्क में रोना है 

परवाने हैं हम किस्मत, हस्ती का फना होना; 
पाने को जिसे जीना, पाकर है उसको मरना 
हर शाम इसी शमा में जलकर धुआं होना है, 
हर हँसते चेहरे को इक बार, गमें इश्क में रोना है 

चंद लम्हों की ज़िन्दगी है मोहब्बत के लिए कम 
किसको करें शिकवा, शिकायत किससे करें हम 
हिज्रकी लम्बी रातों में यादोंके तकिये लिए सोना है
हर हँसते चेहरे को इक बार, ग़में इश्क़ में रोना है 

बेख़यालीमे अपनी जगह नाम उनका लिक्खे जाना 
दीवाने हो गए फिर आया समझ, क्या होता है दीवाना 
जूनून-ऐ-इश्क़से तरबतर दिलका हर एक कोना है 
हर हँसते चेहरे को इक बार, ग़में इश्क़ में रोना है 

हर ओर उनका चेहरा, हर तरफ उनकी बातें 
गुज़र होते नहीं ये दिन, कटती नहीं ये रातें 
आँसुओँमेँ अब तो ये कायनात डुबोना है 
हर हँसते चेहरे को इक बार, ग़में इश्क़ में रोना है  

प्रेम की यही सौगातें हैं मोहब्बत की है देन यही 
प्यार करने वाले हर दिलने ये बात जरूर कही 
चाहत की सच्ची निशानी, इसी दर्द का होना है 
हर हँसते चेहरे को इक बार, ग़में इश्क़ में रोना है  


I was in page-point then, a BPO for Bharti AirTel Ahmedabad, in the year 2003। It was about the time I started to learn that I had some potential after all and wasn't completely useless. My previous employer ORG MARG had taught me a great deal. However, this was the beginning of my career with Telecom. Well, I continued my learning's in this organization as well and made a few wonderfully talented friends. Sanket Khandekar is one of them - he is a professional guitar player and a fantastic singer. His family owns the orchestra, The Khandekar Brothers. Sanket was planning to leave job and pursue his dream and become professional musician. In one of our late night, post shift, talks I told him that I love to write. Then, being a good friend that he is, he encouraged me to write something for him which he will compose. I wrote this song for him.

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कभी ना थे.....

हालात इतने बदतर कभी ना थे  दिलों पे पत्थर कभी ना थे  माना की आप दोस्त नहीं हमारे दुश्मन भी मगर कभी ना थे  लाख छुपाएं वोह हाले दिल हमसे  अनजान मन से हम कभी ना थे ग़म का ही रिश्ता बचा था आखिर  ख़ुशी के यार हम कभी ना थे  कौन हौले से छू गया मन को  नाज़ुक अंदाज़ उनके कभी ना थे चीर ही देते हैं दिल बेरहमीसे  बेवजह मेहरबान वोह कभी ना थे  नज़रों की बातों पे भरोसा करते हैं  शब्दों के जानकार तो कभी ना थे  बिन कहे अफसानों को समझ लेते हैं  लफ़्ज़ों के मोहताज कभी ना थे  सामने तो अक्सर आते नहीं गायब सरकार मगर कभी ना थे याद ना करें शायद वोह हमें  भुलने के हक़दार मगर कभी ना थे 

हो सकता है

प्यार करलो जी भरके आज ही,  कल बदल जाएँ हम-तुम हो सकता है ज़िन्दगी पकड़लो दोनों हाथोंसे,  वक़्त इस पल में ठहर जाये हो सकता है जो बीत चूका वो ख़यालों में अब भी ज़िंदा है  पहली मुलाक़ात और सफ़ेद जोड़ेमें सजी तुम  बंद होते ही आँखें देख लेता हूँ, पलंग पर बैठे  और गुलाब की खुशबु से महकती हुई तुम यादों से मेरी तुम चली जाओ कभी ना होगा  मैं खुद ही को भूल जाऊँ हो सकता है  दो थे हुए एक, जिंदगीके सफरमें हम  तस्वीरोंको नए रंग मिले जब तुमसे मिले हम  फुलवारीमें खिले नए फूल, तुम्हारी मुस्कान लिये मकान घर बन गए, जब तुमसे मिले हम  बैठ फुर्सतमें टटोलें पुराने किस्से, और हम उन्हींमें लौट जाएँ हो सकता है   बरसों की कश्मकशने बदल दिया है चेहरे को रंग रूप भी जिंदगीके साथ घट-बढ़ गए हैं  जो लहराते थे खुल के हवाओं में, घटाओं से  तुम्हारी साडीके नीचे जुड़े में बंध गए हैं  सुबह सुबह उन भीने केशों को तुम खोलो  और सावन आ जाये हो सकता है मैं और भी बदलूंगा आने वाले वक़्त में तुम भी शायद ऐसी नहीं रहोगी जिम्मेदारियां घेरेंगी और भी हमको बच्चोंकी फरम...