तुझे देख लेते हैं तो सहारा रहता है
दिन ख़ुशनुमा मेरा सारा रहता है
जो लिखा, तुझपर ना हो फिर भी
तेरे ख़याल को इशारा रहता है
कल छू गईं थीं उँगलियाँ अपनी
मदहोश तबसे बेचारा रहता है
खुली ज़ुल्फ़ तो जो ये रूप निखरा
क़ैद मैं ही दिल हमारा रहता है
ऐनक लगी, बड़ी, काली आँखें, देख लें
तेरे दीवानों का गुज़ारा रहता है
रात ढले, तसव्वुर में तुझे लाये हुए
शायर इक, नाकारा रहता है
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