गर है मोहब्बत तुझे तो यूँ जताया कर
नाराज़ भी हो तो जाके लिपट जाया कर
नाराज़ भी हो तो जाके लिपट जाया कर
यूँ तन्हाईमें अब नींद अच्छी नहीं आती
ख्वाबोंमें आकर मेरे रोज़ जगाया कर
तेरे हर मिज़ाज़ पर हक़ बनाना चाहता हूँ
अपना रंजो-ग़म बस मुझे सुनाया कर
अपना रंजो-ग़म बस मुझे सुनाया कर
लापरवाह, बदगुमान, क्रोधी, ज़िद्दी वगैरा
अपने दीवानेके सब ऐब भूल जाया कर
अपने दीवानेके सब ऐब भूल जाया कर
हर लम्स तेरी चाहतकी गवाही है मुझको
शबो-रोज़ मुझे ये याद दिलाया कर
शबो-रोज़ मुझे ये याद दिलाया कर
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