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Showing posts from November, 2022

लिख देता

ग़म, आंसू, विरह, इंतज़ार, तमाम लिख देता  उठाकर क़लम मैं बस तेरा नाम लिख देता  तेरी हयाने बाँध रक्खे हैं हाथ मेरे वरना  तुझे मोहब्बत है मुझसे सरेआम लिख देता    बातें हैं बाकी बोहत अभी केहनेको तुझसे पता होता हाल-ए-दिल इक पयाम लिख देता  ना होता सब्र मुझको और यकीं वादे पे तेरे  बेवफाई का भी तुझपर इलज़ाम लिख देता  राज है तेरा अफवाह सुनी तो मैंने भी थी  गर मानता रुस्वाई तेरी गुमनाम लिख देता 

चर्चा तेरा

माना की इम्तेहान-ए-किताब-ए-मोहब्बतमें नाकाम रहा  पेहलुमे रहा जब तलक तेरे, दिलको ज़रा आराम रहा  दावे नहीं कोई कीये रूहानी चाहत, जन्नती प्रीतके मैंने  असासी इश्क़ था तुझसे, बस तुझसे ही मुझे काम रहा  अपने नामके साथ तेरा नाम जोड़ लिखता रहा बरसों मैं  छोड़ दिया चलन, तहरीरको फिर भी, याद तेरा नाम रहा तारीफ तेरी, जमाल तेरा, तौसीफ तेरा ही बखान हुआ   मेहफिलमे ग़ज़ल जब कही मैंने, चर्चा तेरा तमाम रहा  रूह महक गयी जब उँगलियोंसे तुझे छुआ इक रोज़  एहसास उस एक लम्सका ताउम्र, सुब्ह-ओ-शाम रहा  

તારી સાથે સંવાદ

હેય અને હાઈ માં સંકેલાઇ ગયા છીએ  તું ને હું માં આપણે વિખરાઈ ગયા છીએ  ઈરાદા ઘણા ને વાતો ઘણીય કરીયે ખરા  જીવન જંજાળમાં પણ ફસાઈ ગયા છીએ  વ્યસ્ત હોવું સારું, બસ ધ્યાન રાખજે એટલું  રહો ક્યાંય, મારા વિના લાગશે સદા એકલું  વર્ષો કદાચ વાતોય ના થાય શક્ય છે આપણી  ભાગ્યમાં એકમેકના તો લખાઈ ગયા છીએ 

कमीने दोस्त

सफरमे मिल गये दो अजनबी थे हम कभी  हुई बात-चीत फिर करीब आये, दोस्त बन गये  अलग थीं जबकी मंज़िलें, कुछ देर साथ चलते ही  हुआ ये इत्तेफ़ाक़ साथ ही में फिर निकल लिये  याद कर शैतानियां, शरारतें, मुसीबतें  मिलके ढाई थीं, क्या याद है वो आफतें  घंटों इन्तेज़ारमे ताकना वो रास्ते  शेर जो मैंने लीखे, तेरी वालीके वास्ते  वो मनघडंत कथाएं, झूठ-सच सभी कहानियां बढ़ा चढ़ाके करता था मेरी जो तू बड़ाइयाँ  ढेर सारा खिलखिलाना, रूठना, रोना कभी  मुश्किलोंके हल दिलाता साथमे होना कभी  इक नए पड़ाव पर आयी भले है ज़िन्दगी  शोहरत, सफलता और धन लायी भले है ज़िन्दगी  यार आज भी वोही दो चार अपने ख़ास हैं  दोस्त हैं कमीने लेकिन दिलके अपने पास हैं