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Showing posts from July, 2021

One Day At A Time

Pain will be gone Sweat will dry You'll breath normal again Will give it another try Some soreness may come later Some fatigue may manifest All these symptoms may Be cured with little rest So, why should you worry As you already know The ache and the hurt are Means to prosper and grow They may say it's not working  Your efforts are a waste Mirror and scales may leave Nothing but bitter taste This is where you dig deep Make a final stand And hope to plow through rubble To get to the other end For there is no achievement No substantial gain That doesn't ask for commitment, Perseverance and pain Your goal may seem far Steep may be climb But each step takes you closure One Day At A Time

पहली सी मोहब्बत

मुझसे पहली सी मोहब्बत मेरे मेहबूब न मांग  तेरे दर्द से उभरा नहीं अब तक, मत सता  दिल तेरा हो चूका कब से, कुछ तरस खा  क्या अदा, क्या शोख़ी, क्या इठलाना तेरा    तुझसे मिलकर एक बार फिर सुकूँ हो जाये  कहाँ किस्मत की हम चाहें यूँ और यूँ हो जाये  है मुलाकात से भी बढ़कर ख़याल मिलनका  क्या हैरत की तुझे देखें और जुनूँ हो जाये

शाम को टहलते हुए

शाम को टहलते हुए किसी नीले कुर्ते वाली को देख  एक बरसों पुराना इतवार याद आ गया  और साथ याद आई नदीके किनारों की  पेड़ की छांवमें, पत्थरों पर बैठे बैठे  खायीं थी वो सैंडविच और पी थीं  तुम्हारे हाथों से बनी आखिरी चाय  आज रूमानी हो जाता हूँ सोचते ही  कैसे तुम्हारी गोदीमें सर रखकर रो दिया था  कई सालोंसे वो गोदी सपनों में नहीं आयी  आज ख्वाबों से बिनती करके देखूंगा  फिर ले चले घने बालों के साये में  आज फिर नींद में रोने का मन है 

क्या फ़ायदा

प्रेम वाले जो कुछ पल भी मिल ना सकें  ऐसे नाम और शोहरत का क्या फ़ायदा  हो कलियाँ मगर फूल खिल ना सकें  ऐसे बाग़ और मौसम का क्या फ़ायदा  होठों की सुर्खी, आँखों का काजल  गालों की लाली, ज़ुल्फ़ की ये घटा  देख आहें लेने वाला आशिक़ ना हो  ऐसे सजने, सँवरने का क्या फ़ायदा  चुटकुले सब पढ़ो और मुसुका भी दो  करो फॉरवर्ड, लोगों को पहुंचा भी दो  साथ ज़ोरों से हंसने वाले यारों के बिन  दुनियाभर की मज़ाकों का क्या फ़ायदा  फ़ॉलोअर्स हो हज़ारों, लाखों भले  लाइक्स और शेयर चाहे बंटोरा करो  तन्हाई का गर कोई साथी ना हो  यश और ख्याति का क्या फ़ायदा  मंदिरोंमें भोज, दान करवाओ तुम  वस्त्र, धन और रोटी बँटवाओ तुम  पिता, माता और कुलको गर त्याग दो  धर्मके इन दिखावों का क्या फ़ायदा  दिया तुमको हुनर, लिए औरोंके था  ना तराशो जो तुम, तुम्हारी बला  पर छुपाकर रखो गर बस अपने लिए  भाव कवितामें लिखने का क्या फ़ायदा